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महाभारत की कथा | Mahabharat Short Story in Hindi

प्रस्तावना:

महाभारत एक ऐतिहासिक महाकाव्य है जो भारतीय साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कथा धर्म, अधर्म, प्रेम, युद्ध, और परिवार के महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित है। महाभारत के कई पारंपरिक किस्से और कहानियाँ हैं, लेकिन हम यहां महाभारत की मुख्य कथा को हम Mahabharat Short Story in हिंदी के संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

भूमिका:

महाभारत का कालघरण सदीयों से चल रहा था। यह कहानी धृतराष्ट्र, पांडु, और उनके परिवार के बीच के संघर्ष की है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई है।

प्रारंभिक कथा:

महाभारत की कहानी प्राचीन भारत के हास्यपूर्वक राजा विचित्रवीर्य के साथ शुरू होती है, जिनका पुत्र व्यासदेव था। विचित्रवीर्य की असमय मृत्यु हो जाती है और उनके पास कोई विरासत नहीं होती है। उनकी पत्नी अम्बिका और अम्बालिका से व्यासदेव के आलक्ष्य के खिलाफ थे, इसलिए व्यासदेव ने उन्हें विदुर के द्वारा पुत्र पैदा करने की सलाह दी।

धृतराष्ट्र और पांडु:

धृतराष्ट्र और पांडु दो भाई थे, जो विचित्रवीर्य के पुत्र थे। धृतराष्ट्र अंधा था, इसलिए उसे राजा नहीं बनाया जा सकता था, और पांडु को राजा बनाया गया। पांडु ने मधुरा की राजकुमारी कुंती से विवाह किया था, जो कुंतीमाता के रूप में प्रसिद्ध हैं।

कुंती एक दिन मंत्री दुर्वासा के साथ मिल जाती हैं और वह उन्हें आशीर्वाद देते हैं कि वे किसी भी देवता को बुला सकती हैं और उनसे पुत्र पैदा कर सकती हैं। कुंती तब माता सूर्य को बुलाती हैं और उनसे युद्ध के लिए पुत्र पैदा होते हैं। इस प्रकार, कर्ण पैदा होते हैं, जो बाद में महाभारत के महत्वपूर्ण चरित्र होते हैं।

युद्ध का अरम्भ:

पांडु की मृत्यु के बाद, कुंती अपने पुत्रों युद्ध की तैयारी में जुट जाती हैं। उनके पास पांच पुत्र होते हैं – युद्धिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव। धृतराष्ट्र के पास सौ पुत्र होते हैं, जिनमें दुर्योधन सबसे अधिक प्रमुख होता है।

दुर्योधन अपने पिता के कहने पर पांडवों को द्वारका भेजता है और वहां उन्हें घेरकर जलमेल करने की कोशिश करता है। लेकिन युद्धिष्ठिर और उनके भाईयों को बचा लिया जाता है और उन्हें खोट के रूप में जानकर वनवास में जाने के लिए कहा जाता है।

वनवास:

पांडव वनवास में जाकर अनेक दुखों और संघर्षों का सामना करते हैं। वनवास के दौरान, वह द्रुपद के राज्य में आकर अपने प्रिय सखा कृष्ण के साथ मिलते हैं और अर्जुन क्रिष्णा से मिलते हैं, जिनसे उनकी एक महत्वपूर्ण मित्रता होती है।

द्वारका के यात्रा:

वनवास के बाद, पांडव द्वारका के युगल राजा कृष्णा के पास जाते हैं और उनसे मदद मांगते हैं। कृष्णा उनकी मदद करते हैं और महाभारत में उनके महत्वपूर्ण सलाहकार और मार्गदर्शक बनते हैं।

कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध:

पांडवों का युद्ध अपने धर्म को पाने के लिए और कौरवों का युद्ध अपने अधर्म को प्राप्त करने के लिए होता है। महाभारत के युद्ध के लिए खुदाई की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह युद्ध भागवद गीता की अहम घटना होती है, जिसमें अर्जुन भगवान कृष्णा के साथ समय समय पर बातचीत करते हैं और धर्म, कर्म, और भगवान के प्रति आस्था के विषय में उन्हें सिखाते हैं।

युद्ध के दौरान, बड़ी संख्या में योद्धाओं की मौके पर हुई मृत्यु की घटना होती है और कई प्रमुख चरित्रों की मृत्यु होती है, जैसे कि भीष्म, द्रोणा, अभिमन्यु, और कर्ण।

युद्ध के परिणामस्वरूप, पांडव युद्ध में विजयी होते हैं, लेकिन उनके द्वारका के यात्रा के दौरान कृष्णा की मृत्यु हो जाती है।

Mahabharat Short Story in Hindi के समापन:

महाभारत की कथा में धर्म और अधर्म के बीच का संघर्ष, प्रेम और युद्ध के दुखद पल, और परिवार के महत्व का सफल रूप से प्रस्तुत किया गया है। इस कहानी के माध्यम से हमें जीवन के महत्वपूर्ण सवालों का उत्तर और धार्मिक मूल्यों की महत्वपूर्णता का बोझ समझाया गया है। महाभारत आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण सिख और मार्गदर्शन प्रदान करता है और यह भारतीय साहित्य की महत्वपूर्ण धारा में गिना जाता है।

 

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